BADEE ZIDDI HAI YEH ZINDAGI
बड़ी ज़िद्दी है यह ज़िंदगी
कभी चंचल तो कभी निर्मल
कभी खिलखिलाती है तो कभी गुनगुनाती है
बस थोड़ी सी मनचली है ज़िंदगी
इक नन्ही बच्ची की तरह मासूम है ये
तुम्हारा हाथ पकड़ कर चलती है
फिर जहाँ चाहो जिधर चाहो उधर ही मुड़ जाती है
फिर वैसी ही बनती है ज़िंदगी
तुम किसी से कम नहीं
और तुम्हारे जैसा भी कोई नहीं
हर इंसान विशेष है
हर एक के मन में ब्रह्मांड छिपा है
खुद को पहचानो तो बात बने
फिर बनाओ अपनी ज़िंदगी जैसा जी चाहे
और जीओ जैसा जी चाहे
इक बात कहूँ
ज़िंदगी कभी भी उधार नहीं रखती
जीवन में कुछ गलत हो जाए या कुछ खो जाए
तो दिल छोटा न करो
ज़िंदगी मन भी बहलाती है
और जो खो गया उसकी भरपाई भी करती है
उड़ने के लिये पंख तो सब को मिले हैं
फिर सोचना क्यों
अपनी उम्मीदों, और अपनी आशाओं के पंछिओं को
मन के पिंजरे में कैद न करो
खुला छोड़ दो उन्हें आसमान छूने दो
भरो उड़ान अपने सपनों की
तुम्हारी ज़िंदगी केवल तुम्हारी है
बस थोड़ी मनचली है ज़िंदगी
और बड़ी ज़िद्दी है ये
कभी हंसती है तो कभी मुस्कराती है
कभी गिरती है तो कभी सहम जाती है ये
पर तभी संभल कर बिना कुछ कहे, बिना कुछ सुने
और बिना रुके चलती है ये ज़िंदगी
ये पीछे मुड़ कर नहीं देखती
बड़ी ज़िद्दी है
हाँ ये ज़िंदगी बहुत ज़िद्दी है
पर तुम्हें भी रुकना नहीं
बस चलते रहो
ज़िंदगी कभी भी धोखा नहीं देती
भरो अपने सपनों की उड़ान
और जिओ जैसा जी चाहे
क्योंकि तुम बहुत विशेष हो
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अति सुंदर
ReplyDeleteBeautiful and very nicely described essence of life❤
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