ZINDAGI KEE LKEERAEN ( HINDI )
ज़िन्दगी की लकीरें
खुद को आइने में देखा तो चौंक गयी
चढ़ती उम्र कैसे बीती पता ही नहीं चला
कहाँ से कहाँ आ गई ज़िंदगी
समय जैसे पंख लगा कर उड़ गया
मुझे हैरान देख चेहरे की लकीरें हँस पड़ी
मुस्कुरा कर बोलीं " अरे भई क्या हुआ ?
" हम तो केवल आपकी ज़िंदगी की परछाईं हैं "
बिस्तर पर चादर के बल
सुबह होते ही रात की कहानी कह देते हैं
वैसे ही हम ज़िंदगी की कहानी बयान करते हैं
आशा निराशा सब इन लकीरों में छिपी हैं
सीधा सच्चा सच
मन में ख़ुशी और चेहरे पर
हँसी की फुहारों की निशानी छोड़ जाता है
इस जीवन ने बहुत कुछ दिया
प्यार और इज़्ज़त झोली भर के मिली
चेहरे पर ये झुर्रियां नहीं
ज़िंदगी के उतार चढ़ाव की सिलवटें हैँ बस
इन्हीं में छिपी है जीवन की तस्वीर
अब तो खुद को खुश करने का समय आया है
दुनियादारी और ज़िम्मेदारियाँ सब दिल से निभाईं
ये सिलवटें हमारी रंग बिरंगी ज़िंदगी की
कही और अनकही कहानियाँ हैं
ये सफेद बाल
बर्फीले पर्वतों की महानता की तरफ़ इशारा करते हैं
सफेद बाल केवल बाल ही नहीँ
आपकी भरी पूरी ज़िंदगी के बड़प्पन की शान
और शालीनता की पहचान है
जीवन के सभी रस चखे
सब कुछ दिल से जिया हमने
और जी भर भर के जिया
ये अपने आप को ख़ुश करने का समय है
मैं इसीलिये ख़ुश रहती हूँ
खूब हँसती हूँ, और अपनों के साथ खुश रहती हूँ
मेरे मन का आईना
बिल्कुल साफ़ है
दिल की चादर में कोई उलझन नहीं
कहीं कोई सिलवट भी नहीँ
ये ज़िन्दगी की लकीरें
रंग बिरंगी ज़िंदगी की परछाईंयाँ हैं
और कुछ भी नहीँ
किसी और के लिये नहीँ
यह अपने लिये जीने का समय है
ख़ुशी को ख़ुश करने का वक्त है
मन से खुल कर जीने का समय है
दिल बहुत मासूम है
प्यार से जीओ
आपके चारों तरफ खुशियाँ बिखरी हैँ
हँसी और खुशी के फूलों को झोली में समेट लो
ये केवल हँसने, खिलखिलाने
और दिल से जीने का वक्त है
___________
अति सुन्दर
ReplyDeleteDear Maam , this poem resonates deeply with a lifetime of emotions and reflections. I love how you’ve captured the essence of aging with such grace and wisdom, celebrating every line and silver strand as symbols of a life well lived. Your words flow beautifully, embracing both the joys and struggles, and inspire a sense of contentment and self love. The honesty and warmth in your lines make it a reminder to cherish ourselves and embrace every phase of life with pride. Truly, you’ve painted a vibrant portrait of resilience, joy, and self-worth.
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