MAEN PURUSH NAHEEN BANNA CHAHTEE ( HINDI )
मैं पुरुष नहीँ बनना चाहती मैं नारी हूँ सख़्त और कठोर नहीँ हो सकती मैं पुरुष नहीँ बनना चाहती संसार की उत्पत्ति मेरी ही नियती है मेरी ही बाँहों में है हर पीढ़ी का पालना परिवार और बच्चों को छोड़ कर जानें की हिम्मत मुझमें नहीँ मैँ कोई महापुरुष नहीँ हूँ बिना झिझक मैं दुनियाँ और तकदीर से लड़ सकती हूँ अपनों की ख़ुशी के लिये अपनी खुशीयों की बली भी चढ़ा देती हूँ मैं कठोर नहीं जीवन के सभी रिश्ते पूरे मन से मानती हूँ और निभाती भी हूँ क्या पुरुष जीवन के सारे रिश्तों को पूरे मन से स्वीकार करते हैं ? इतिहास साक्षी है पुरुष ने सदा निर्दयता से नारी को दंड दिया है मानसिक भी और शारीरिक भी मैं पुरुष का अहंकार और गलती सब सह सकती हूँ लेकिन स्वीकार नहीँ कर सकती सारे संसार की जननी हूँ मैं अनंत प्यार का शिखर हूँ त्याग की चरम सीमा हूँ...