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Showing posts from May 29, 2021

AKELAPN OR AEKANT ( HINDI )

अकेलापन और एकांत  भोली और मासूम ज़िंदगी  आपका हाथ पकड़ कर  चलती है फिर वैसी ही बन जाती है जैसा आप चाहें अकेलापन और एकांत  मन और जीवन की परछाईं हैं  बस ये एक ही सिक्के के दो पहलू  हैं  उदासी और अकेलापन  अपने आप को अकेला महसूस करने का दर्द है  मन सहारा ढूंढता है  कभी टेलीविज़न में कभी कम्प्युटर तो कभी फ़ोन में  कोइ मुझे पहचाने,  कोई मुझे सराहे  बस यही दिल चाहे   अकेलापन केवल मन की नकारात्मक सोच है  इसीलये मन का अपने आप से  मिलना मुश्किल  इक दर्द बन जाता है  एकांत खुद से मिलने की सकारात्मक सोच है  श्रुती , मनन और ध्यान  जीवन के उतार चढ़ाव और  मन का सच जानने का  साधन  हैं  एकांत में मन सदैव शांत  हमेशा आगे बढ़ने को तैयार  जीवन की हर चुनौती को स्वीकारता है  एकांत में ही मन सुशोभित है   उदासी और अकेलेपन में मन सदा अशांत  ये मन ही दोस्त  और ये मन ही दुश्मन  यही दर्द जीवन को आगे बढ़ने से रोकता है ज़िंदगी का हर पल के...