UTTHO DRAUPADEE UTTHO ( HINDI )
उठो द्रौपदी उठो उठो द्रौपदी यह कलयुग है तुम्हें बचाने कोई नहीं आएगा दुनिया में आज बहुत से दुष्सान और दुर्योधन घूम रहे हैं तुम्हारे आंसुओं का कोेई मोल नहीं हवस और राजनीति ने आज सबकी आत्मा को कुचल दिया है किसी को कुछ दिखाई नहीं देता और नाहीं कुछ सुनाई देता है आज बेटियाँ हैं परेशान तुम मेहँदी, मंगलसूत्र और पायल में सिमट जाने वाली , नारी नहीं बन सकतीं तुम्हें कोई बचाने नहीं आएगा केवल हिम्मत और निडरता से तुम मार्शल आर्ट और पैपर स्प्रे को अपना हथियार बनाओ बनो दुर्गा, बनो काली बनो शिव , तांडव का रूप बनो अपनी रक्षा स्वयं करो द्रौपदी अपनी रक्षा स्वयं करो आज , तुम्हें बचाने कोई नहीँ आएगा उठो द्रौपदी उठो _____________