YE ANJANE (IN HINDI)
ये अनजाने कौन हो तुम कहाँ से आए हो क्या पहचान है तुम्हारी आज से पहले तो तुम्हें कभी देखा नहीं कमज़ोर हताश डगमगाते पाँव सिर पर अपनी दुनिया उठाए पेट में भूख़ और बच्चों को कंधे पर बिठाए कहाँ जा रहे हो इससे पहले तो तुम्हें कभी देखा ही नहीँ आँखों में सपने और दिल में दर्द लिए शायद कभी तो कुछ होगा ... ये अदृश्य लोग केवल हमारा ही नहीँ हर देश चलाते हैं अपने जीवन में ये लोग पूँजीपतियों के लिये बस शतरँज का मोहरा ही बने रह गये कहाँ हैं वो बड़ी बड़ी बातें करने वाले खोखली दलीलें देने वाले लोग आज ही वो समय है कि हरेक का भ्र्म टूटे आज ही वो समय है पुराने तौर तरीकों को बदला जाये इक नयी विचारधारा का जन्म हो ये स्वयं में सिमट कर रहने का समय नहीँ आज ही वो समय है अपने मन मंदिर की घंटी बजाएँ अपना दिल टटोलें अनजान लोगों में नई उम्मीद, नई आशा जगाऐं इन अपरिचितों ...