MAA ( IN HINDI)
" माँ "
मेरी खुशियाँ देख कर
गुनगुनाती रहती है वो
मैं भर पेट मन से खाना खालूं
तो उसके चेहरे की मुस्कुराहट देख
गुलशन के फूल भी शर्मां जाएँ
बस ऐसी ही है माँ
मेरा कहा अनकहा सब समझ लेती है वो
मैं गिरूँ तो उठाती है मुझे
मेरी आँखों की नमी अपने स्नेह में समेट कर
आशा की किरण बन जाती है वो
मेरी खुशियाँ देख कर
गुनगुनाती रहती है वो
मैं भर पेट मन से खाना खालूं
तो उसके चेहरे की मुस्कुराहट देख
गुलशन के फूल भी शर्मां जाएँ
बस ऐसी ही है माँ
मेरा कहा अनकहा सब समझ लेती है वो
मैं गिरूँ तो उठाती है मुझे
मेरी आँखों की नमी अपने स्नेह में समेट कर
आशा की किरण बन जाती है वो
ज़िंदगी की टेढ़ी मेढ़ी पगडण्डियों में
मेरी परेशानिओं को अपने जादुई आँचल में समेट कर
आगे बढ़ने की उम्मीद का हौंसला बन जाती है वो
बस ऐसी होती है माँ
दुनिया में सब कुछ गलत हो सकता है
नाते रिश्ते खतम हो सकते हैं
पर माँ हमेशा माँ ही रहती है
कभी कुमाता नहीँ होती
कड़ी धूप में छाँव है माँ
घर की बरकत है वो
और वही हर घर की रौशनी
दुख दर्द में हौंसले और सब्र का नाम है माँ
घर की बरकत है वो
और वही हर घर की रौशनी
दुख दर्द में हौंसले और सब्र का नाम है माँ
रब का रूप है माँ
उसके आँचल में स्वर्ग समाया है
सीधी सादी मन की सच्ची
बस ऐसी ही होती है माँ
हाँ ! बस ऐसी ही होती है माँ
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बस ऐसी ही होती है माँ
हाँ ! बस ऐसी ही होती है माँ
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No one else's like Mother very nice❤️👌
ReplyDeleteअति सुंदर
ReplyDeleteमाँ को बयां करते ये लफ्ज़ दिल छू गए , बस ऐसी ही होती है माँ!🙏🏻
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