NOOR KI BOOND (IN HINDI)
नूर की बूँद
नूर की बूँद है नारी
इस नन्ही सी बूँद में छिपा है समंदर
नूर की इक बूँद है नारी
सारा जीवन उठाती है बोझ
रब की बनाई इस दुनिया का
वो खुद तो नज़र नहीं आता
और इसी लिए शायद बनाई है नारी
संसार की संगरचना
नूर की बूँद है नारी
इस नन्ही सी बूँद में छिपा है समंदर
नूर की इक बूँद है नारी
सारा जीवन उठाती है बोझ
रब की बनाई इस दुनिया का
वो खुद तो नज़र नहीं आता
और इसी लिए शायद बनाई है नारी
संसार की संगरचना
है नारी की ही ज़िम्मेदारी
वही उठाती है गर्भ और गोद का बोझ
वही उठाती है गर्भ और गोद का बोझ
और
वही बनाती है घर आँगन का संसार
तन मन अपना सब कुछ वारती है नारी
कभी बच्चों पर तो कभी अपने परिवार पर
और सदा पति के अहंकार पर
शक्ति और भक्ति अपने आँचल में समेटे
माँ, बेटी, बहन, और पत्नी,
वही बनाती है घर आँगन का संसार
तन मन अपना सब कुछ वारती है नारी
कभी बच्चों पर तो कभी अपने परिवार पर
और सदा पति के अहंकार पर
शक्ति और भक्ति अपने आँचल में समेटे
माँ, बेटी, बहन, और पत्नी,
हर रूप में नूर की बूँद
प्यार से बहती है नारी
प्यार से बहती है नारी
स्वयं में समंदर समेटे निरंतर बहती है
अनथक...अनथक ...
बिना थके चलती है नारी
नूर की इक बूँद है नारी
हाँ , नूर की इक बूँद है नारी
________________
waoo awesome poet about नूर की बूँद
ReplyDeleteThanks,
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अति सुंदर
ReplyDeleteWow.....u have so nicely pen down it👍👍....story of nari 😊🙏🙏
ReplyDeleteSo much truth in your wonderful, touching words. Thank you for sharing!
ReplyDeleteनारी शक्ति और उसके प्यार और समर्पण पर अत्यंत सुंदर कविता ❤️
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