KAUN HO TUM (IN HINDI)
कौन हो तुम
किसने बनाया ये संसार
किसके कहने पर ये सृष्टि इठला कर चलती है
कैसे आरम्भ होता है यह जीवन
क्या केवल अपनी इच्छापूर्ति के लिये
जीवन ही जीवन को जन्म देता है
किसका चमत्कार है ये
ये नन्हा नया चाँद इक छोटे से बालक की तरह
आकाश की गोद में ऐसे सिमटा है
मानो उसे अपने ही बढ़ने का इंतज़ार हो
आसमान में तारे टिमटिमाते हैं
पता नही किससे और क्या बातें करते हैं
ये सूरज की रौशनी
और रात की सियाही किससे पूछ कर आती है
कैसे और क्यों बदलते हैं ये मौसम
बसन्त ऋतु क्यों आती है ?
ये सूरजमुखी का फूल किससे बातें करता है
गर्मी में झुलसती धरती की तपश मिटाने
नन्हीं बारिश की बूँदें
कैसे छम छम बरस जाती हैं
समंदर की लहरें भाग भाग कर किससे मिलने आती हैं
और पांव के नीचे से रेत चुरा कर ले जातीं हैं
क्या कुछ नहीं छिपा इस समंदर के अंदर
जीव जन्तु पेड़ पौधे
सब किसकी धुन पर थिरकते हैं
ये कौन सा जादूगर है
जो संसार का रूप बदलता है
जुगनू चमकते हैं, पंछी चहचहाते हैं
झरनों और नदियों का कलकल संगीत सुनाई देता है
सृष्टि किसकी धुन पर गुनगुनाती है , नाचती है
मैं नहीं जानती पर कोई तो है
मैं महसूस करती हूँ, मैं देखती हूँ, मैं सुनती हूँ
पर पहचानती नहीं
मानव मन भोला है, मनचला भी है
शायद इसीलिये बहक जाता है
क्या तुम वही अदृश्य शक्ति हो
जिसे लोग ईश्वर कहते हैं
और न जाने कितने नामों से पुकारते हैं
कहो ना
क्या तुम ही अनंत ईश्वर हो
तो आज ये संसार इतना कैसे बदल गया
कुछ तो कहो
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अति सुंदर
ReplyDeleteVery beautiful 👌❤️
ReplyDeleteYou write with such elegance. I don't know what else to say other than, WOW !
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