YADAEN (HINDI)
यादें
तुम्हारी यादों की गर्माहट
सुनसान शामों में
दिया बन मेरे मन आंगन में उजाला करती है
तुम्हारी फुलवारी पर रोज धूप सजती है
फूल मुस्कराते हैं और भँवरे गुनगुनाते हैं
लगता है चमेली और मोतिया की खुशबू
तुम्हारे पास हो कर ही मुझ तक पहुँचती हैं
वही तुम हो वही मैं और वही यादें
यादें तो कभी पुरानी नहीं होतीं
यही मेरा जीवनसाथी हैं
तुम होते तो ये कहते --
तुम होते तो वो कहते --
और मैं सुनती --
मेरा कहा और अनकहा तो तुमने सब सुना
तुम्हीं ने मुझे जाना
अब मैं क्या क्या न याद करुँ
आज आँख में आंसू हैं और होंठ मुस्कराते हैं
मानो हसरतों की हथेली पर बर्फ जम गयी हो
ऐसी कोई बात ही नहीं जब तुम याद नहीं आते
फिर कैसे न याद करूँ तुंम्हें ---
क्योंकि यादें कभी घर और समय नहीं बदला करतीं
तुम्हारी यादों की गर्माहट
रोज़ सुनसान शामों में
दिया बन मेरे आंगन में उजाला करती है
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और मैं सुनती --
मेरा कहा और अनकहा तो तुमने सब सुना
तुम्हीं ने मुझे जाना
अब मैं क्या क्या न याद करुँ
आज आँख में आंसू हैं और होंठ मुस्कराते हैं
मानो हसरतों की हथेली पर बर्फ जम गयी हो
ऐसी कोई बात ही नहीं जब तुम याद नहीं आते
फिर कैसे न याद करूँ तुंम्हें ---
क्योंकि यादें कभी घर और समय नहीं बदला करतीं
तुम्हारी यादों की गर्माहट
रोज़ सुनसान शामों में
दिया बन मेरे आंगन में उजाला करती है
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