KHAAN CHLE GYE TUM (IN HINDI)
कहाँ चले गये तुम ?
क्या यही वो समय है जिसमे केवल यादें रह जाती हैं ?
और कुछ भी नही ?
क्या यही वो समय है जिसमें केवल बातें रह जाती हैं ?
और कुछ भी नहीं ?
हम दोनों तो केवल मन से जुड़े थे
तुमने मेरा कहा अनकहा सभी कुछ सुना
तुमने मेरा अपना अनजाना भी जाना
फिर क्या हुआ ?
कहाँ चले गये तुम ?
अब तुम हवा बन मेरे चारों ओर बहते हो
जीवन के हर पल को हमने जी भर के जिया
जीवन के हर लम्हे को हमने घूँट घूँट पिया
अब ऐसा कुछ भी नही जिसकी चाह हो
सब कुछ तुममें सिमट गया है
ये कैसा समय है -- जिसमें केवल प्रश्न ही प्रश्न हैं
जिसमें केवल अदृश्य ही दृश्य है
अब तुम हवा बन मेरे चारों ओर बहते हो
जीवन के हर पल को हमने जी भर के जिया
जीवन के हर लम्हे को हमने घूँट घूँट पिया
अब ऐसा कुछ भी नही जिसकी चाह हो
सब कुछ तुममें सिमट गया है
ये कैसा समय है -- जिसमें केवल प्रश्न ही प्रश्न हैं
जिसमें केवल अदृश्य ही दृश्य है
जीवन के इस पार हूँ मैँ
और उस पार तुम
मन के तार तुम्हारी यादों से जुड़े हैं
मन के तार तुम्हारी यादों से जुड़े हैं
हमारे जीवन की परछाईं ये यादें
कैसा है ये समय
जीवन केवल एक प्रश्न बन के रह गया है
हाँ जीवन केवल एक प्रश्न
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लाजवाब
ReplyDeleteबहुत खूब