MERA SOORAJ MUKHI (IN HINDI)
मेरा सूरज मुखी
जीवन में पहली बार
किसी ने सूरजमुखी की तरह
मुहँ उठा कर देखा मेरी ओर
और जीवन में पहली बार
मैं हुई नतमस्तक
तुम हँसे तो मुस्कुरा उठी मेरी दुनिया
तुम्हारी खुशबू समेटे अपने चारों
बैठी हूँ आज भी मदहोश
आज देखती हूँ धरती के उस टुकड़े को
जहाँ अनजाने ही मेरे पांव का अंगूठा
बनाता रहता है - घर की दीवारें
न जाने कब से आसमान में
ऐसा कुछ उगा ही नही
कि जिसे देखने के लिये मेरा सिर उठे
जैसे तुम्हारे सूरजमुखी मुहँ को देख कर
मैं पहली बार जीवन में हुई थी - नतमस्तक
हूँ आज भी - नतमस्तक
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