AADHA AASMAN (IN HINDI)
आधा आसमान
मैं चाँद और सूरज की किरणों की परछाई
समन्दर की लहरों में उम्मीद बन कर आई
मैं ज्वारभाटा बन बढ़ती रहूँगी
बहुत चुप रही मैं
पर अब और नहेीं - बस
दुनिया भर के इतिहास के पन्नों में मेरा भी नाम लिखा है
मैं लक्ष्मीबाई हूँ और महादेवी वर्मा भी
मैं इंदिरा गांधी हूँ , मैं अनसंग सूची हूँ
मैं मलाला हूँ और कल्पना चावला भी
मैं पी टी ऊषा हूँ और मैरी कौम भी हूँ
इतिहास मुझे अनदेखा नहीं कर सकता
सृष्टि का आधा आसमान मेरा भी है
पुरुषत्व के झूठ मुझे झुठला नहीं सकते
दुनिया की ठोकरें मुझे गिरा नहीं सकतीं
अगर तुम मुझे धूल में धकेलना चाहो
तो धूल की तरह मैं ऊपर ही उठूंगी
तुम मेरे कंधों को आसुओं की तरह नीचे गिरते देखना चाहते हो , तो क्यों
क्यों मैं नज़रें चुरा कर और सिर झुका कर जीऊँ
हमेँ तो एक दूसरे का पूरक बनाया गया था
क्यों मेरी खिलखिलाहट तुमसे सही नहीं जाती
तुम्हारी नज़र मुझे चोट पहुंचा सकती है
पर तुम्हारे शब्दों के बाण मुझे मिटा नहीं सकते
हवा के झोंकों की तरह मै ऊपर ही उठूँगी
सृष्टि क़ी सुन्दर रचना हूँ मैं
संसार की संगरचना मेरी ही नियति है
विकास और उन्नति मेरी प्रकृति है
घूंघट और हिजाब से बाहर निकल
अतीत की कड़वाहटों और डर के अंधेरों को पीछे छोड़
इक नई सुबह का तारा हूँ मैं
इक सजग समाज की उम्मीद हूँ मैं
स्त्री पुरुष समान हैं इस सपने की आशा हूँ मैं
बहुत चुप रही मैं
अब मैं चुप नहीं रहूँगी
और नहीं - अब बस
क्योंकि आधा आसमान मेरा भी है
-------------------
Wow...its very nice 👍👌
ReplyDeleteअति सुन्दर रचना
ReplyDeleteSuch an empowering poem, Ma'am 👏and brilliantly composed.
ReplyDelete