INTZAR ( HINDI )
इंतज़ार मैं आज भी वहीं हूँ जहाँ तुम मुझे छोड़ गये थे पता ही नहीं चला कब सावन आया और कब सावन चला भी गया इन आँखों की नमी तो आज तक नहीं सूखी ...