AB MAIN RUKUNGI NHEEN (HINDI)



अब मैं रुकुंगी नहीं 


अबला नहीँ हूँ मैं आज की नारी हूँ 
दुविधाओं और शंकाओं को पीछे छोड़ 
सभी परदों से बाहर निकल चुकी हूँ मैं 

उड़नें के लिये पंख सभी को मिले हैं 
मैं घर बनाती हूँ , परिवार पालती हूँ
मैं कलाकर हूँ और वैज्ञानिक भी 
इंजनियर और अध्यापक भी 
मैं सिपाही भी हूँ 
अपने देश की रक्षक 

मुझमें साहस भी है और योग्यता भी 
पर मैं पुरुषों की तरह 
कठोर औरअत्याचारी  नहीं हो सकती 

पुरुषों के जुनून में हमेशा सब कुछ सही नहीं होता 
बहुत कुछ ग़लत और शर्मनाक भी होता है 
हैवानियत और शैतानियत हमें कमज़ोर नहीं कर  सकती 
हमारी सिसकियों में हमारी हिम्मत भी छिपी है 

मैं नारी हूँ मेरे रूप अनेक 
पार्वती हूँ मैं,  घर की लक्षमी और सरस्वती भी हूँ   
समय आने पर मैं माँ दुर्गा हूँ 
 अनर्थ और शत्रु का नाश करने के लिये 
माँ काली भी हूँ 

मैं सदा समय के साथ चलती हूँ 
सारा संसार देख रहा है 
समय के हर दिन पर मेरा भी नाम लिखा है 

समाज मुझे अनदेखा नहीं कर  सकता
मैं कमज़ोर और अबला नहीँ 
क्योंकि अब मैं रुकूँगी नहीं 
बिलकुल भी नहीँ 
मैं हूँ आज की नारी 


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