JEEVN MAEN CHOTA KYA HAE (HINDI)

जीवन में छोटा क्या है ?


जीवन संध्या के कगार पर पहुँच
सोचती हूँ मैं आज 
छोटा क्या है इस जीवन में 

         क्या 
इक छोटी सी मुस्कान 
जो मन में ढेरों खुशियाँ भर दे 

              या 
इक  छोटा सा व्यंग 
जो बरसों तक मन को कटोचता रहे 

              या 
इक छोटी सी संगीत की लय 
 जो मन आँगन में सुर-सरिता बन बहने लगे 

  या
इक  हलकी सी लकीर 
जो किसी पेंटिंग को एक नयी परिभाषा दे दे 

       या
वो नन्हा सा स्पर्श 
जो आत्मा की गहराई में उतर जाए  

जिंदगी में क्या कुछ छोटा है 
सोचती हूँ मैं आज
क्योंकि इन्हीं 
नन्हे पलों में एक बड़प्पन है

इन्हीं छोटे-छोटे क्षणों में
 एक गहराई है
जीवन की इन्हीं नन्हीं-नन्हीं बातों में
 एक ऊँचाई है

जीवन संध्या के कगार पर पहुँच
 सोचती हूँ मैं आज
छोटा क्या है इस जीवन में
 

नहीं ,नहीं कुछ भी छोटा नहीं है 
जीवन का हर क्षण बहुत कीमती है 
इन्हें अपनी  बाँहों में भर लो 
फिर देखो
जीवन के सतरंगी रंग
और जीलो ख़ुशियों के संग       






-------------


Comments

  1. आजकल की इस अन्धी प्रतिस्पर्धात्मक भाग-दौड़ भरी ज़िन्दगी में शायद इन्सान ही छोटा - अल्बता बौना - हो गया है। अपनी झूठी शान और ताकत के मद में इन्सान उन सभी छोटे-छोटे पलों से विमुक्त हो गया है जो ज़िन्दगी में मुफ़्त में ढेरों खुशियां भर देती हैं।
    इस कविता ने बहुत ही सुन्दर, कम शब्दों में उन खुशी प्रदायक पलों का विवरण किया है👌

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